wp header logo 300

Gulab Shayari – अमर उजाला

Posted by

बेहतर अनुभव के लिए एप का उपयोग करें
दिन में आने लगे हैं ख़्वाब मुझे
उस ने भेजा है इक गुलाब मुझे
– इफ़्तिख़ार राग़िब

मेरे होंटों पे ख़ामुशी है बहुत
इन गुलाबों पे तितलियाँ रख दे
– शकील आज़मी
किसी ने मुझ से कह दिया था ज़िंदगी पे ग़ौर कर
मैं शाख़ पर खिला हुआ गुलाब देखता रहा
– अफ़ज़ाल फ़िरदौस

हुआ है तस्वीर इक तसव्वुर
गुलाब सोचूँ गुलाब देखूँ
– सलीम मुहीउद्दीन
दिल में छप कर भी ख़ुशबुएँ देगी
हर तमन्ना गुलाब है प्यारे
– नवनीत शर्मा

चूम कर इक गुलाब का चेहरा
तितलियों ने भी दिलकशी चक्खी
– नाहीद अख़्तर बलूच
कभी गुलाब से आने लगी महक उस की
कभी वो अंजुम ओ महताब से निकल आया
– महबूब ज़फ़र

भरी बहार में इक शाख़ पर खिला है गुलाब
कि जैसे तू ने हथेली पे गाल रक्खा है
– अहमद फ़राज़
गुलाब टहनी से टूटा ज़मीन पर न गिरा
करिश्मे तेज़ हवा के समझ से बाहर हैं
– शहरयार

वो क़हर था कि रात का पत्थर पिघल पड़ा
क्या आतिशीं गुलाब खिला आसमान पर
– ज़फ़र इक़बाल
अरक़ नहीं तिरे रू से गुलाब टपके है
अजब ये बात है शोले से आब टपके है
– अज्ञात

आज ख़ुशबू भरे गुलाबों से
मेरे दामन को भर गया कोई
– सय्यदा नफ़ीस बानो शम्अ
एक ताज़ा गुलाब चेहरे को
एक पुरानी मिसाल कर डाला
– नासिर राव

महक उठे रंग-ए-सुर्ख़ जैसे
खिले चमन में गुलाब इतने
– मुनीर नियाज़ी

Amar Ujala Kavya brings you a collection of news related to poetry and literary world with hindi poems, hindi shayari, urdu poetry. Read shayari and one line shayari in hindi of different flavors like love shayari, sad shayari, romantic shayari, life shayari and masterpieces of great poets

source

Leave a Reply

Your email address will not be published. Required fields are marked *